राहुल रायबरेली के हुए ! सोनिया गांधी ने बेटा सौंप दिया ! - श्रवण गर्ग बीस मई को होने जा रहे पाँचवे चरण के मतदान के पहले एक छोटा सा सवाल मन में उठ रहा था ! सवाल थोड़ा इमोशनल क़िस्म का था ! सवाल यह था कि राहुल गांधी जब रायबरेली से भी चुनाव जीत जाएँगे , सुदूर केरल में स्थित वायनाड के उन लाखों मलयाली मतदाताओं को किस तरह के ख़याल आएँगे जिन्होंने अमेठी के मतदाताओं द्वारा 2019 में नकार दिए गए कांग्रेस के युवा नेता को अपने दिलों में जगह दी थी ? राहुल गांधी द्वारा तीन मई को रायबरेली में नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही वायनाड दो धड़ों में विभाजित हो गया था कि राहुल को कौन सी सीट रखना और कौन सी छोड़ देना चाहिए ? कई लोगों का कहना था उन्हें वायनाड सीट रखना चाहिये जबकि काफ़ी नागरिक ऐसे भी थे जिन्हें रायबरेली को लेकर भी कोई एतराज़ नहीं था। ऐसी ही कोई बहस रायबरेली में भी
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मोदी ने क्यों पूछा कि क्या इंदौर में ज़्यादा वोटिंग नहीं होगी ? - श्रवण गर्ग कांग्रेस का उम्मीदवार दिन - दहाड़े मैदान से हटवा दिया गया ! दूसरे दलों का भी कोई ताकतवर प्रत्याशी लड़ाई में नहीं है ! राज्य में हुकूमत भी भाजपा की ही है फिर भी मोदीजी की पार्टी डरी हुई है ? डर का कारण इतना भर है कि चार जून को मोदी जी के सामने मुँह कैसे दिखाना है ? ‘ बम कांड ’ के कारण चर्चा में आए देश के सबसे ‘ स्वच्छ ’ शहर के कांग्रेसी प्रत्याशी का नामांकन आख़िरी वक्त में डरा - धमकाकर या अन्य देसी उपायों के ज़रिए वापस तो करवा दिया गया पर उसके कारण इंदौर सहित आसपास की सीटों के मतदाताओं पर जो ख़ौफ़नाक प्रतिक्रिया हुई है उसने भाजपा को ऊपर से नीचे तक हिलाकर रख दिया है। भाजपा में भय व्यक्त किया जा रहा है कि ‘ जो कुछ हुआ है ’ से नाराज़ इंदौर के संवेदनशील