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Showing posts from December, 2020
  आपको   नया   साल   मुबारक  !  सब   कुछ   ठीक   तो   है   न  ? - श्रवण   गर्ग नए   साल   का   स्वागत   हमें   ख़ुशियाँ   मनाते   हुए   करना   चाहिए   या   कि   पीड़ा   भरे   अश्रुओं   के   साथ  ?  लोगों   की   ताज़ा   और   पुरानी   याददाश्त   में   भी कोई  एक   साल   इतना   लम्बा   नहीं   बीता   होगा   कि   वह   ख़त्म   होने   का   नाम   ही   नहीं   ले  !  इतना   लम्बा   कि   जैसे   उसके   काले   और   घने   साये   आने वाली  कई   सुबहों   तक   पीछा   नहीं   छोड़ने   वाले   हों।याद   कर - करके   रोना   आ   रहा   है   कि   एक   अरसा   हुआ   जब   ईमानदारी   के   साथ   हंसने   या ख़ुश  होकर   तालियाँ   बजाने   का   दिल   हुआ   होगा। यह   जो   उदासी   छाई   हुई   है   वह   हरेक   जगह   मौजूद   है  , दुनिया   के   ज़्यादातर   हिस्सों ,  कोनों   और   दिलों   में।काफ़ी   कुछ   टूट   या   दरक   गया   है   इस बीच। जिन   जगहों   पर   बहुत   ज़्यादा   रोशनी   होने   का   भ्रम   हो   रहा   है   हो   सकता   है   वहाँ   भी   अंदर   ही   अंदर   घुटता   कोई   अव्यक्त   अंधेरा   ही   मौजूद हो। कई   बार