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Showing posts from September, 2021
अंजना   की   जगह   कोई   सत्ता - विरोधी   एंकर - पत्रकार   होता   तो  ? - श्रवण   गर्ग   भारतीय   विदेश   सेवा   की   संयुक्त   राष्ट्र   संघ   में   कार्यरत   युवा   अधिकारी   स्नेहा   दुबे   और  ‘ आजतक ’  की   एंकर - पत्रकार   अंजना   ओम्   कश्यप   के बीच  हुए   संवाद   को   लेकर   सोशल   मीडिया   में   चल   रही   पोस्ट्स   को   लेकर   मेरे   मन   में   दो   बातें   हैं  : पहली   तो   यह   कि   स्नेहा   के   साहस   की   सार्वजनिक   रूप   से   जितनी   तारीफ़   की   जाएगी ,  उसमें   सबसे   ज़्यादा   नुक़सान   भी   इस   युवा   अधिकारी का ही  होगा ,  अंजना   का   नहीं।स्नेहा   के   सामने   अभी   लम्बा   करियर   बिताने   को   बचा   है।राजनीतिक   व्यवस्थाएँ   व्यक्ति   की   उपयोगिता   इस   बात से   तय   करतीं   हैं   कि   विदेश   में   तैनात   एक   युवा   अधिकारी   की   प्रतिभा   की   उसे   परदेस   में   कितनी   ज़रूरत   पड़   सकती   है   और   एक   चर्चित   टी   वी एंकर  का   उसके   लिए   प्रतिदिन   देस   में   कितना   महत्व   है।   स्नेहा   के   साहस   को   लेकर   की   जा   रही   तारीफ़  
  राजनीति   निगेटिव   चलेगी  पर  मीडिया   पॉजिटिव   चाहिए  !  - श्रवण   गर्ग प्रधानमंत्री   नरेंद्र   मोदी   और   हिंदूवादी   संगठन   राष्ट्रीय   स्वयंसेवक   संघ   के   सरसंघचालक   डॉ   मोहन   भागवत   के   बीच   उम्र   में   एक   सप्ताह   से   भी कम  का   फ़ासला   है।   डॉ   भागवत   प्रधानमंत्री   से   केवल   छह   दिन   बड़े   हैं।यह   एक   अलग   से   चर्चा   का   विषय   हो   सकता   है   कि   इतने   बड़े   संगठन के  सरसंघचालक   का   जन्मदिन   भाजपा - शासित   राज्यों   में   भी   उतनी   धूमधाम   से   साथ   क्यों   नहीं   मनाया   जाता   जितनी   शक्ति   और   धन - धान्य खर्च  करके   प्रधानमंत्री   का   प्रकटोत्सव   आयोजित   किया   जाता   है।   और   इस   बार   तो   सब   कुछ   विशेष   ही   हो   रहा   है।  वैसे मौजूदा हालात में डॉ भागवत के लिए जन्मदिन   मनाने   से ज़्यादा ज़रूरी  यही  माना   जा   सकता   है   कि  वे  अपनी   पूरी   ऊर्जा   सरकार ,  संगठन   और   हिंदुत्व   को   ताक़त   प्रदान   करने में  खर्च  करें जो कि वे  कर  भी  रहे   हैं।   इस   काम   के   लिए   वे   देश   भर   में   दौरे