लता मंगेशकर यानी ख़ुशबू के शिलालेख पर लिखी प्रकृति की कविता - श्रवण गर्ग लता जी पर मैंने कोई बीस - इक्कीस वर्ष पहले एक आलेख लिखा था ।अवसर था इंदौर में ‘ माई मंगेशकर सभागृह’ के निर्माण का ।उसमें मैंने लता जी के साथ उसके भी सोलह वर्ष पूर्व (1983) इंदौर की एक होटल में तब उनके साथ हुई एक भेंटवार्ता का ज़िक्र किया था ।उस आलेख का शीर्षक दिया था ‘ ख़ुशबू के शिलालेख पर लिखी हुई प्रकृति की कविता ’ ।आलेख की शुरुआत कुछ इस तरह से की थी ...
Posts
Showing posts from September, 2020