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Showing posts from February, 2021
  नामकरण   ही   नहीं ,  उसके   पीछे  के इरादे  भी   जानना   ज़रूरी   है  ! - श्रवण   गर्ग सरकार   अगर   अचानक   से   घोषणा   कर   दे   कि   परिस्थितियाँ   अनुकूल   होने   तक   अथवा   किन्ही   अन्य   कारणों   से   विवादास्पद   कृषि   क़ानूनों   को वापस  लिया   जा   रहा   है   और   कृषि   क्षेत्र   के   सम्बन्ध   में   सारी   व्यवस्थाएँ   पहले   की   तरह   ही   जारी   रहेंगीं   तो   आंदोलनकारी   किसान   और   उनके संगठन  आगे   क्या   करेंगे  ?  महीनों   से   दिल्ली   की   सीमाओं   पर   जमे   हज़ारों   किसान   और   उत्तर   प्रदेश   के   पश्चिमी   इलाक़ों   में   महापंचायतें आयोजित  कर   रहे   आंदोलनकारी...
  हुकूमत   को   अब   गिलहरियों   की   हलचल   से   भी   ख़तरा  !  - श्रवण   गर्ग हुकूमतों   को   अगर   गिलहरियों   की   हलचल   से   भी   ख़तरा   महसूस   होने   लगे   तो   समझ   लिया   जाना   जाना   चाहिए   कि   हालात   कुछ   ज़्यादा   ही गम्भीर  हैं   और   नागरिकों   को   अपनी   सुरक्षा   को   लेकर   चिंतित   हो   जाना   चाहिए।  ‘ जलवायु   परिवर्तन ’ (climate change)  के   क्षेत्र   से   जुड़ी इक्कीस  साल   की   युवा   कार्यकर्ता   दिशा   रवि   को   तेरह   फ़रवरी   से   पहले   तक   कोई   नहीं   जानता   होगा   या   फिर   उनके   मूल   राज्य   कर्नाटक   में भी  गिने - चुने   लोग  ही  जानते   होंगे।...