इस दौरान : मेरी एक नई कविता ख़त्म सिर्फ़ युद्धविराम होता है ! युद्ध नहीं ! -श्रवण गर्ग युद्धों,लड़ाइयों का चलते रहना ज़रूरी है ! मर जाते हैं जब हज़ारों,लाखों एक साथ नहीं लिखाना पड़ती कोई एफ़आईआर नहीं जोड़ना पड़ते हाथ किसी माई-बाप के या देना पड़ती घूस थानेदारों को निपट जाती हैं सारी हत्याएँ एक रपट में ! गिरतीं हैं जब मिसाइलें अस्पतालों,बस्तियों पर नहीं करना पड़ता इंतज़ाम हुकूमत को नक़ली दवाओं, इंजेक्शनों,ऑक्सीजन का बच जाता है ख़ज़ाना सारा सड़कों-पुलों को गिराकर फिर से बनाने के लिए ! चलती हैं जब लड़ाइयाँ युद्धविरामों में बदलने तक लगती हैं उजड़ने बस्तियाँ,गाँव और शहर बच जाता है अनाज बाँटा जाना है जो मुफ़्त में ज़िंदा रखने निर्जीव शरीरों को ज़रूरत ही नहीं पड़ती जिनकी हुकूमतों को कभी ! हो जाती हैं ध्वस्त जब इमारतें बमों के हमलों में कर दिए जाते हैं तबाह स्कूल, अस्पताल, बस्तियाँ मिलने लगता है काम नया ठेकेदारों,दलालों को बसाने नए शहर, करने खड़े न...
Posts
Showing posts from June, 2025
- Get link
- X
- Other Apps
राहुल की उपस्थिति देश को प्रजातंत्र का विनम्र आश्वासन है ! - श्रवण गर्ग बराक ओबामा से अनुरोध किया जाना चाहिए कि कुछ दिनों के लिए एक बार फिर भारत की यात्रा पर आएँ यह देखने के लिए कि जिस राहुल गांधी से वे आख़िरी बार मिले होंगे वह और भारत पिछले आठ सालों में कितना बदल गया है ! अमेरिका वापस पहुँचने के बाद ओबामा एक नई किताब लिखें जो सिर्फ़ राहुल पर केंद्रित हो ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ माय फ्रेंड बराक ’ ने अपनी पिछली भारत ...